तथ्य जाँचें – गैरकानूनी प्रवासन की सच्चाई

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समुद्र और रेगिस्तान में अधिकाधिक प्रवासियों की मौत हो रही है

UNHCR ने मृत प्रवासियों की संख्याओं में लगातार वृद्धि सूचित की है

हालाँकि भूमध्यसागर पार करके यूरोप आने वाले शरणार्थियों और प्रवासियों की सूचित संख्याएँ 2015 की तुलना में कम हैं, पर उनकी यात्राएँ और जानलेवा होती जा रही हैं. ऐसा संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी UNHCR द्वारा आज जारी एक नए आँकड़ा चित्र के आधार पर कहा जा रहा है.

2015 में यह आँकड़ा अपने शिखर पर था, जब एक मिलियन से भी अधिक शरणार्थी और प्रवासी भूमध्यसागर सागर पार करके यूरोप आए थे; तब से यह आँकड़ा लगातार नीचे गिर रहा है. 2021 में सीमा पार करने के 123,300 अलग-अलग मामले सूचित हुए, और उससे पहले 2020 में यह आँकड़ा 95,800 था, 2019 में 123,700 था, और 2018 में 141,500 था.

इन घटनाओं की संख्या घटने के बावजूद, मौतों में तेज़ वृद्धि देखने को मिली है. पिछले वर्ष, लगभग 3,231 लोगों को मृत या भूमध्यसागर और उत्तर-पश्चिम अटलांटिक में लापता दर्ज किया गया, जबकि 2020 में यह आँकड़ा 1,881 था, 2019 में 1,510 था और 2018 में 2,277 था, यानि पिछले वर्ष यह आँकड़ा सबसे अधिक था.

सहारा रेगिस्तान और दूर-दराज़ के सीमावर्ती क्षेत्रों से होकर गुज़रने वाले थलमार्गों पर तो और भी ज़्यादा लोग मरे हैं या लापता हुए हैं. UNHCR की यह चिंता बनी हुई है कि थलमार्गों में मौतें और दुर्व्यवहार व्यापक रूप से अधिक हैं, और ऐसा उद्गम और पारगमन के देशों जैसे इरिट्रिया, सोमालिया, जिबूटी, इथियोपिया, सूडान और लीबिया, में और उनसे होकर गुज़रने वाले मार्गों में ज़्यादा आम है. कई मामलों में, सहारा से गुज़रने और समुद्र को पार करने की कोशिश में बच जाने वाले लोगों को, उन्हें गैरकानूनी ढंग से लाने वाले तस्कर अक्सर छोड़कर भाग जाते हैं.

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समुद्र और रेगिस्तान में अधिकाधिक प्रवासियों की मौत हो रही है

UNHCR ने मृत प्रवासियों की संख्याओं में लगातार वृद्धि सूचित की है

हालाँकि भूमध्यसागर पार करके यूरोप आने वाले शरणार्थियों और प्रवासियों की सूचित संख्याएँ 2015 की तुलना में कम हैं, पर उनकी यात्राएँ और जानलेवा होती जा रही हैं. ऐसा संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी UNHCR द्वारा आज जारी एक नए आँकड़ा चित्र के आधार पर कहा जा रहा है.

2015 में यह आँकड़ा अपने शिखर पर था, जब एक मिलियन से भी अधिक शरणार्थी और प्रवासी भूमध्यसागर सागर पार करके यूरोप आए थे; तब से यह आँकड़ा लगातार नीचे गिर रहा है. 2021 में सीमा पार करने के 123,300 अलग-अलग मामले सूचित हुए, और उससे पहले 2020 में यह आँकड़ा 95,800 था, 2019 में 123,700 था, और 2018 में 141,500 था.

इन घटनाओं की संख्या घटने के बावजूद, मौतों में तेज़ वृद्धि देखने को मिली है. पिछले वर्ष, लगभग 3,231 लोगों को मृत या भूमध्यसागर और उत्तर-पश्चिम अटलांटिक में लापता दर्ज किया गया, जबकि 2020 में यह आँकड़ा 1,881 था, 2019 में 1,510 था और 2018 में 2,277 था, यानि पिछले वर्ष यह आँकड़ा सबसे अधिक था.

सहारा रेगिस्तान और दूर-दराज़ के सीमावर्ती क्षेत्रों से होकर गुज़रने वाले थलमार्गों पर तो और भी ज़्यादा लोग मरे हैं या लापता हुए हैं. UNHCR की यह चिंता बनी हुई है कि थलमार्गों में मौतें और दुर्व्यवहार व्यापक रूप से अधिक हैं, और ऐसा उद्गम और पारगमन के देशों जैसे इरिट्रिया, सोमालिया, जिबूटी, इथियोपिया, सूडान और लीबिया, में और उनसे होकर गुज़रने वाले मार्गों में ज़्यादा आम है. कई मामलों में, सहारा से गुज़रने और समुद्र को पार करने की कोशिश में बच जाने वाले लोगों को, उन्हें गैरकानूनी ढंग से लाने वाले तस्कर अक्सर छोड़कर भाग जाते हैं.